
*1. आसान भाषा में समझे "क्रिप्टोकरंसी क्या है" -*
इसको डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) या वर्चुअल मुद्रा के रूप में जाना जाता है. क्रिप्टो का अर्थ है "सीक्रेट" मतलब छुपा हुआ l सबसे खास बात यह है की इसको आप छू नहीं सकते हैं l इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है..और इस पर गवर्नमेंट अथॉरिटी जैसे सेंट्रल बैंक या एजेंसी का कोई कण्ट्रोल नहीं होता हैं... अर्थात यह पूरी तरह डी सेंट्रलाइज्ड होता हैं.. यह ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करता है... जिस प्रकार गवर्नमेंट मनी सेंट्रलाइज्ड होती है जैसे बैंक आपको पैसा देता है उसकी निगरानी आरबीआई द्वारा की जाती है और आरबीआई पर पूरा कंट्रोल वित्त मंत्रालय का होता है अर्थात गवर्नमेंट मनी केंद्रीकृत होती है लेकिन क्रिप्टो करेंसी ऐसी नहीं है वह स्वतंत्र और विकेंद्रीकृत होती है
सबसे पहले 2009 में प्रकाश में आया... जो कि वर्चुअल मुद्रा के रूप में सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन की खोज की
*2. क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करता है-*
क्रिप्टोकरंसी ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करता है... ब्लॉकचैन 1991 आया था... यह एक प्रकार का डाटाबेस हैं जो एक डिजिटल रजिस्टर की तरह होता हैं.... मान लीजिये हमने कई बिटक्वाइन ख़रीदा या बेचा और इसके लिये हमे कई बार ट्रांजक्सशन करना पड़ा तो इसका रिकॉर्ड एक ब्लॉक के रूप में सेव होता हैं... ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड एक ब्लॉक के रूप बनता जाएगा.... यह सारा ब्लॉक एक चेन से जुड़ता जायेगा... इस सिस्टम को हम ब्लॉकचेन के रूप जानते हैं lब्लॉकचेन एक डिजिटल लेज़र या डिजिटल रिकॉर्ड है, जो एक पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर उसके सभी ट्रांजैक्शन का एक रिकॉर्ड होता है जो डीसेंट्रलाइज्ड होता है
यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो एंड टू एंड इंक्रिप्टेड इस प्रकार से है इसको बीच में से कोई इसको डिस्टर्ब करने या निकालने का प्रयास किया तो यह जीरो हो जाएगा l अर्थात दुनिया की कोई भी सरकार इसको रेगुलेट करने का प्रयास करती है तो यह जीरो में कन्वर्ट हो जाएगा
3. क्रिप्टोकरंसी के कितने टाइप है और उनका क्या महत्व है -
बिटकॉइन = जैसा कि आप जानते हैं कि बिटकॉइन पहली डिजिटल मुद्रा थी और यह ब्लॉकचेन में टेक्नोलॉजी पर काम करती है... वर्चुअल मुद्रा के रूप में बिटकॉइन की खोज शातोशी नाकामोतो 2009 में की थी l
भारत में बिटकॉइन करेंसी अभी तक बैन थी मार्च 2020 में इस पर से बैन हटाया गया
यूं तो कहें कि आज दुनिया भर में 20,000 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी चलन में है जिनके अलग-अलग जगह उपयोग के आधार पर अलग-अलग प्रयोग किया जा रहा है
जैसे कुछ क्रिप्टोकरेंसीज के नाम हम यहां देख रहे हैं-
एथेरियम, लाइटकॉइन, डॉगकॉइन रिपल, तेथेर, कार्डोनो, सोलाना, चेनलिंक, लाइटकॉइन इन सभी क्रिप्टो करेंसी को Alt कॉइन के नाम से जाना जाता है...
Alt कॉइन को तीन भागों में बांटा गया है पहला है स्टेबल कॉइन, दूसरा है टोकन कॉइन, तीसरा है क्रिप्टोकरेंसीज
सबसे पहले हम जानेंगे कि स्टेबल कॉइन क्या है--
स्टेबल कॉइन जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि स्टेबल है... अर्थात ऐसी क्रिप्टोकरेंसी जिसका मूल्य स्थिर हो और उसकी वित्तीय जोखिम कम हो
स्टेबल कॉइन के उदाहरण- तेथेर, USD यह उस डॉलर का समरूप ही माना जाता है
डाई (Dai )- यह एक डिसेंट्रलाइज्ड कॉइन है जो की एथेरियम ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करता हैं
अब बात करते हैं टोकन कॉइन की तो यह Peer to Peer ट्रांजैक्शन के लिए काम करता है और साथ ही साथ दूसरे और भी फंक्शंस इसमें होते हैं जैसे -
Utility Token - यूटिलिटी टोकन में एथेरियम एक ब्लॉकचेन डाटा स्टोर करना चाहेगा तो वह डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से स्मार्ट कांटेक्ट बनाएगा तो उसे ईथर pay करना होगा.. इस टोकन का उसे एक ही ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी क्षेत्र विशेष में होता है जहां इसका प्रयोग होता है
Asset Token - Asset टोकन वह टोकन होते हैं जो किसी Asset टोकन को रिप्रेजेंट करता है... मान लीजिए आपके पास कोई संपत्ति है और उसकी रिकॉर्ड एक कागज के रूप में आपके पास है तू यदि उसे कागज स्थान पर कोई टोकन उसे संपत्ति को रिप्रेजेंट करें तो उसे Asset टोकन कहा जाता है. NFT (Non Fungible Token) एक Asset टोकन का उदाहरण है
इक्विटी टोकन- इक्विटी टोकन को एक सुरक्षा टोकन भी कहा जाता है... इक्विटी टोकन को आसान भाषा में समझे तो इक्विटी मतलब है हिस्सेदारी....किसी कंपनी के शेयर्स को खरीद करके हम उस कंपनी में इक्विटी खरीदते हैं.... हम इसको इस तरह समझेंगे..मान लीजिए 10 लोगों ने मिलकर के एक कंपनी स्टार्ट किया... और सभी ने उस कंपनी में एक - एक लाख रूपये लगाये... और 10 लाख रुपए में एक बिजनेस को स्टार्ट किया.. और सभी लोगों ने मिलकर के कंपनी के शेयर्स को एक लाख में विभाजित किया... आप सभी के पास कंपनी की टोटल 10% इक्विटी होगी इस तरह जब कोई व्यक्ति इक्विटी में निवेश करता है तो वह कंपनी का एक शेयर धारक बन जाता है
4. क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने के तरीके-
सबसे पहले यह जानेंगे हम की क्रिप्टो करेंसी निवेश कैसे कर सकते हैं जिस प्रकार हम म्युचुअल फंड में SIP करते हैं यह SIP मंथली वीकली ईयरली और डेली बेसिस पर भी होता है और एक समय बाद हमें मोटा और अच्छा पैसा मिलता है ठीक इसी तरह क्रिप्टो में भी हम SIP कर सकते हैं और इसको हम कुछ समय के लिए या लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं... क्रिप्टो में जो SIP होता है वह डायरेक्ट आपके बैंक अकाउंट से नहीं कटता है.. बल्कि इसके लिए आपको एक्सचेंज वॉलेट रिचार्ज करना पड़ता है और अपने वॉलेट में उपस्थित मनी से आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर सकते हैं... आज बहुत सारी क्रिप्टो करेंसी मार्केट में प्रचलन में हैं जिसमें बिटकॉइन और एथेरियम जैसी काफी अच्छी कंपनियां है जिसमें व्यक्ति निवेश करके एक अच्छा पैसा बना सकता है

भारत सरकार ने मार्च 2020 में क्रिप्टो पर से प्रतिबंध को हटाया है और इस पर 30% टैक्स के साथ भारत में इसको स्वीकृति मिली है.. क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स के लगने की तीन भाग है..इसको इस प्रकार हम समझेंगे। सबसे
पहल चरण -क्रिप्टो करेंसी को यदि हम खरीदते हैं तो इस पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं है।
दूसरा चरण- यदि हम क्रिप्टोकरंसी को सेल करते हैं तो एक परसेंट का टीडीएस लगता है
तीसरा चरण- 30% Capital gain टैक्स... अर्थात पूंजीगत लाभ पर 30% का टैक्स लगेगा... मान लीजिए ₹1000 लगाकर 1000 और कमाए तो...जो 1000 की कमाई है उसे पर 30% का टैक्स लगेगा

5. क्रिप्टोकरंसी का भविष्य क्या होगा-
क्रिप्टोकरंसी का भविष्य अभी सवालों के घेरे में है... अभी इसके बारे में बहुत कुछ जानने की जरूरत है बहुत कुछ खामियां हैं बहुत कुछ अच्छा भी है इसके भविष्य के बारे में चर्चा करने के लिए पहले इसको अच्छी तरीके से समझना होगा इसकी वास्तविकता को हमें जानना होगा... इसकी समर्थकों द्वारा यह बताया जाता है की इसमें संभावनाएं हैं वहीं इसकी आलोचना करने वाले इसको अस्थिर और जोखिम मुद्रा के रूप में देखते हैं...
स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसर जोसेफ ए. ग्रंडफेस्ट ने हाल ही में इस बात पर विस्तार से चर्चा की.. उन्होंने अपने तर्क और अवधारणाओं को पेश किया है,,,ग्रंडफेस्ट ने कहा कि बातें, हमारे तर्क आपको अच्छा या बुरा भी लग सकते हैं।.. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से सही और उत्तरदायी नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी वास्तव में किसी भी प्रकार से भरोसेमंद नहीं हैं। वे अभी भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को चलाने वाले बुनियादी ढांचे पर निर्भर हैं, जिनमें से अधिकांश चीन में स्थित हैं। चीनी सरकार किसी भी प्रकार से किसी भी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को चलाने वाले डेटा माइनर्स पर अपनी इच्छा और अधिकार या कानून थोपकर बुनियादी स्तर पर बदलाव कर सकती है। जो फिर केवल और केवल उसे देश की सरकार और सिस्टम को लाभान्वित कर सकते हैं... इस प्रकरण से पूरे विश्व में स्थिरता का अभाव हो सकता है और इक्वलिटी की स्थिति खराब हो सकती है.... जैसे कहीं-कहीं चिट फण्ड पोंजी कंपनियां अपने ग्राहकों को लम्बे समय से निवेश कराती हैं... और विश्वास बनाने के लिए एक ही दो बार निवेशकों के पैसे को अच्छे ब्याज के साथ लौटाती भी हैं... लेकिन कहीं-कहीं इस तरह की कंपनियां निवेशकों के पैसों को लेकर के भाग जाती हैं... या उन कंपनियों की स्थिति बिगड़ जाती है और वह पैसा देने की स्थिति में नहीं रहते हैं... जैसे की हाल ही में सहारा जैसी कंपनी निवेशकों के पैसों को अधर में ही लटका दिया है.... ठीक ऐसे ही हम मान सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर सेंट्रलाइज्ड का खतरा बढ़ सकता है और उसे देश की सरकार अपने पक्ष में अपने अधिकार को रातों रात थोप सकती है जिससे स्थितियों के बिगड़ने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाएगी

*6. क्रिप्टो करेंसी कैसी वित्तीय बाजारों को प्रभावित करता है: फायदे और नुकसान-*
# क्रिप्टो करेंसी हाल ही के वर्षों में कई तरीके से वित्तीय बाजारों को अपनी उपस्थिति से प्रभावित किया है जैसे-
डीसेंट्रलाइज्ड- क्रिप्टोकरंसी किसी सरकार या संस्था द्वारा केंद्रित नहीं है... इससे यह स्पष्ट है कि कोई भी सरकार इसको अपने हिसाब से ऑपरेट नहीं कर सकती है... अपने तौर तरीके को फॉलो नहीं करवा सकती है...
इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सिक्योरिटी अर्थात सुरक्षा... क्रिप्टोकरंसी अगर डिसेंट्रलाइज्ड है तो इसका कारण है कि उसका नेटवर्क सुरक्षित है... इसका डाटा एक जगह ना स्टोर हो करके भिन्न-भिन्न जगह पर विभाजित है
डिजिटल मनी - क्रिप्टोकरंसी के आने से बाजार एक डिजिटल प्रक्रिया में चल रहा है इस बाजार में किसी भी प्रकार के डिजिटल वस्तुओं को या डिजिटल मनी को खरीदे या बेंच सकते हैं
निवेश करने की प्रक्रिया- क्रिप्टोकरंसी के आने से निवेश प्रक्रिया को एक नए रूप में सामने रखा है... जिसमें निवेशक एक अच्छा और सुव्यवस्थित और उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकता है
# क्रिप्टोकरंसी की बहुत सारे लाभ हैं तो बहुत जोखिम भी हैं... जिसकी आने वाले समय में जोखिम की संभावनाएं ज्यादा दिख रही हैं।
बिना किसी रेगुलेट तरीके से संचालित होना- क्रिप्टोकरंसी बिना किसी रेगुलेट तरीके से संचालित होना डिजिटल की दुनिया में वित्तीय विकारों को जन्म दे सकती है
लुभावने तरीकों में युवाओं के फंसने का डर- क्रिप्टोकरंसी लुभावने वादों के द्वारा युवाओं को एक अच्छे रिटर्न का लालच देना युवाओं में एक वित्तीय जोखिम को जन्म दे सकता है

हैक होने का खतरा - कुछ एक्सचेंज, जैसे बिटफिनेक्स या माउंट गोक्स, को पिछले वर्षों में हैक कर लिया गया है, और बिटकॉइन हजारों और अनगिनत अमेरिकी डॉलर में चोरी हो गया है... इससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होने लगा... और भविष्य में हैक होने की संभावना हो सकती है

आतंकी गतिविधि के फंडिंग में इस्तेमाल - जैसा कि पहले से ही ज्ञात है क्रिप्टोकरंसी सुरक्षित और गोपनीयता के लेनदेन पर आधारित है किसी सरकार द्वारा किसी उपयोगकर्ता की वॉलेट के पते से उसको ट्रेस करना उसके डाटा पर नजर रखना मुश्किल और नामुमकिन भी है.. ड्रग्स के अवैध व्यापार आतंकी फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग किया जाता है जो कि क्रिप्टोकरंसी के प्रयोग के असुरक्षित तरीके के उदाहरण प्रस्तुत करता है
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