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!! माँ !!

मेरी ही सांसों का जीवन हो माँ

मेरी ही दुनिया का उपवन हो माँ

जीवन की ज्योति, समंदर हो तुम

मेरी आंखों की आशा का आंगन हो माँ !!

मेरी सारी उम्मीदों की बरकत हो माँ

घर के आंगन की शोभा की हसरत हो माँ

त्याग औ तपस्या का समर्पण हो तुम

मेरी सारी सफलता का दर्पण हो माँ !!

मेरी खुशियों की सलामत की जहान हो माँ

हर परेशानी औ चिंता का समाधान हो माँ

घर के सारे विचारों का इक नाम हो तुम

मेरी सपनों की आशा का अरमान हो माँ!!

मेरे बचपन की सीरत की सूरत हो माँ

ममता के आंचल की मूरत हो माँ

हर समय औ कहानी की मुहूरत (मुहूर्त) हो तुम

घर की सारी की सारी जरूरत हो माँ !!

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Saumitra Tiwari

कवि, लेखक, स्वतंत्र विचारक, सामाजिक विश्लेषक